बिहार में/के/का छात्र आज/नवीनतम/पहले दिन से प्रतिरोध/विरोध/हिंसा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उनके मांगों/दावों/अनुशासनों को पूरी नहीं किया है। छात्रों ने डर/डरने लगते/भय का इजहार किया और सरकार से कार्रवाई/उत्तेजित होना/सहयोग की मांग की है।
- अधिकांश/बहुमत/कई छात्र विद्यालयों/स्कूलों/संस्थानों में ही प्रतिरोध/विरोध/हिंसा कर रहे हैं।
- कुछ/नए/बहुत से छात्र शहरों/गांवों/इलाकों में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
- स्थानीय/राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इस मुद्दे/विषय/घटना पर प्रकाश डाल रहा है।
विद्यार्थियों की हड़ताल, सरकार पर बोला डांटा
विद्यार्थी|छात्र|बच्चों ने आज फिर से प्रदर्शन|आंदोलन|हड़ताल की। उनकी बातें सरकार तक नहीं पहुँच रही है। वे अपनी|हमारी|सभी बातों को सरकार को समझने|सुनाने|जानने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। विद्यार्थी का कहना है कि सरकार उनकी जरूरतों|मांगों|इच्छाओं की ओर से खड़ी नहीं है।
सरकार को इस हड़ताल|आंदोलन|प्रदर्शन पर जिम्मेदारी|पारिवारिकता|ध्यान देना चाहिए और विद्यार्थी की बातों का ध्यान से|सावधानीपूर्वक|गंभीरता से सुनना|समझना|मनाना चाहिए।
प्रतिरोध क्योंकि जानकारी नहीं थी छात्रों ने किया
छात्रों ने आज
जानकारी<>न मिलने से
विरोध कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें सही जानकारी की जरूरत है. छात्रों का कहना है कि वे अध्ययन में सही बातें जानना चाहते हैं.- वह
- विरोधकरने लगे।
विधानसभा में हड़ताल की घोषणा
शिक्षा मंत्री को सामाजिक कार्यवाही का अनुरोध किया गया है। विधायकों ने विधानसभा में हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि शिक्षा प्रणाली में आलोचनाओं का समाधान होना चाहिए। वह द्वारा दिए गए मुद्दों पर कोई कार्रवाई न होने के कारण विधायकों check here ने धमकी दी।
यह हड़ताल के दौरान शिक्षण प्रक्रिया पर प्रभावी होगा , यह चिंता का विषय है।
बिहार बोर्ड में छात्रों की प्रगति
परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद, छात्रों का उत्साह चरम पर है। कई छात्रों ने शानदार परिणाम हासिल किए हैं, जो उनके कठिन वेदनमय परिश्रम का परिणाम है। कई छात्रों ने अपने लक्ष्यों को हासिल किया, जिससे उन्हें आगामी चरण में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है।
विद्यार्थी आंदोलन: शिक्षा नीति में परिवर्तन की।
पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था के लिए शिक्षार्थियों ने धरना किया।
बच्चे कहा जा रहा है कि शिक्षा नीति में सुधार होना चाहिए ताकि यह प्राप्त हो सके समान शिक्षा प्राप्त हो सके।
शिक्षार्थियों का कहना है कि वर्तमान व्यवस्था में कमी है और इसे विकास की आवश्यकता है।
इनके लक्ष्य शिक्षा मार्गदर्शिका को बेहतर बनाना और प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।